Thursday 11 June 2009

क्या इंडियन एक्सप्रेस की इस गलती को माफ़ किया जाना चाहिए??


पत्रकारिता के मापदंडों में हमेशा खरा उतरने वाले समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस ने एक बड़ी चूक को अंजाम देने का काम किया है. इंडियन एक्सप्रेस नामक अखबार ने अपने ११ तारीख के एडिशन में मुंबई हमलों की सबसे छोटी गवाह एक १० साल की मासूम बच्ची और उसके पिता का फोटो प्रकाशित किया है. असली फोटो को आप इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट में देख सकते है. इस फोटो में बच्ची और उसके पिता का चेहरा साफ तौर से दिखाई दे रहा है. १० साल की यह मासूम मुंबई हमले में पकडे गए आतंकी कसाब के खिलाफ गवाही देने कोर्ट पहुंची थी।
इस खबर को लगभग सभी टीवी चैनल और अख़बारों ने दिखाया और प्रकाशित भी किया, लेकिन सभी टीवी चैनलों ने पहली बार लड़की की पहचान छुपाकर खबर दिखाई जो आमतौर पर होता नहीं है. मगर इस बार इंडियन एक्सप्रेस जैसे नामी और पत्रकारिता की समझ रखने वाले अखबार ने इनती बड़ी गलती कर दी। इस तरह से खुली तस्बीर छापने से हो सकता है उस बच्ची की जान को खतरा पैदा हो जाये, लेकिन अखबार ने इस ओर ध्यान दिए बिना ये गलती कर डाली. मुंबई हमले को लेकर कोर्ट भी साफ़ कर चुका है, कि किसी भी गवाह और सबूत को ना ही दिखाया जायेगा और ना ही प्रकाशित किया जा सकता है।
अब सवाल ये उठता है की क्या इस तरह की भयंकर चूक को माफ़ किया जा सकता है या नहीं?? मेरे नजरिये से हमेशा टीवी चैनल को गरियाने वाले अखबारों पर भी नकेल कसी जाये. इस ओर सरकार को भी ध्यान देना होगा की किसी भी मीडिया की गलती को नजरअंदाज नहीं किया जाये... नहीं तो इन लोगों को फ़िर से गलती करने का हौसला मिल जाएगा और इसका खामियाजा किसी मासूम को भुगतना पड़ सकता है।