मैं हमेशा से गंभीर मुद्दों पर बात करते आया हूँ, तो सोचा आज किसी अलग टोपिक पर बात की जाये...व्यक्ति जब से पैदा होता है, प्रॉब्लम उसके साथ साथ चलती रहती है। जब वो छोटा होता है तो स्कूल जाने की प्रॉब्लम, थोडा बड़ा होने पर मनमानी न कर पाने की प्रॉब्लम और जवान होने पर प्रेमिका की प्रॉब्लम। हर समय प्रॉब्लम ही प्रॉब्लम। लेकिन इन सबसे अलग और सबसे बड़ी प्रॉब्लम आदमी की जिन्दगी में तब आती है, जब वो शादी शुदा हो जाता है यानि "फेमिली प्रॉब्लम". फेमिली प्रॉब्लम का मतलब होता है घर के अन्दर की प्रॉब्लम। आपके, हमारे, हम सब के घर में भी फेमिली प्रॉब्लम की किचकिच लगी ही रहती है।
चलिए फेमिली प्रॉब्लम के बारे में काफी बात हो गयी, अब असल मुद्दे पर आते है। आज सुबह ही इन्टरनेट की दुनिया में घूमते हुए एक फेमिली प्रॉब्लम से टकरा गया। एक ऐसी फेमिली प्रॉब्लम जिसके बारे में आप कभी सोच भी नहीं सकते...तो मैंने सोचा की इस विचित्र और दुनिया की सबसे बड़ी फेमिली प्रॉब्लम से मैं आपको भी रूबरू करवाता चलूँ.....
.... एक बार दो व्यक्ति एक बियर बार में बैठे थे।
......एक ने कहा...." यार.... बहुत फेमिली प्रॉब्लम है "॥
दूसरा व्यक्ति : तू पहले मेरी बात सुन.....
मैंने एक विधवा महिला से शादी की जिसकी एक लड़की थी।
कुछ दिनों बाद पता चला कि मेरे पिताजी को उस विधवा महिला की पुत्री से प्यार है ....और उन्होने इस तरह मेरी ही लड़की से शादी कर ली ...
अब मेरे पिताजी मेरे दामाद बन गए और मेरी बेटी मेरी माँ बन गयी....और मेरी ही पत्नी मेरी नानी हो गयी !!
ज्यादा प्रॉब्लम तब हुई जब जब मेरे को लड़का हुआ...अब मेरा लड़का मेरी माँ का भाई हो गया, तो इस तरह मेरा मामा हो गया .....
परिस्थिति तो तब ख़राब हुई जब मेरे पिताजी को लड़का हुआ ....मेरे पिताजी का लड़का यानी मेरा भाई मेरा ही नवासा( दोहिता ) हो गया और इस तरह मैं स्वयं का ही दादा हो गया और स्वयं का ही पोता बन गया .....
......." और तू कहता है कि तुझे फेमिली प्रॉब्लम है ....
तो भैया पढा आपने कि कितनी बड़ी फेमिली प्रॉब्लम है इन भाईसाब को...अब मत कहना कि आपकी भी फेमिली प्रॉब्लम है...
Sunday, 1 March 2009
फेमिली प्रॉब्लम...
Posted by
संकेत पाठक...
at
04:59
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गपशप
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भाई संकेत जी
ReplyDeleteयह फॅमिली प्रॉब्लम तो इंडिया और पाकिस्तान के प्रॉब्लम से भी बड़ा है..
उम्मीद करता हु इस तरह के प्रॉब्लम में आप नहीं फसेंगे
लतिकेश
मुंबई
अच्छा हुआ गंभीरता त्यागी आपने.
ReplyDeleteAb Gambhirta ko fir naa odhiega.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletebilkul sach ki kaha aapne is ko pad kar toh koi bhi family prolem chhoti lage
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