Thursday, 7 May 2009

क्या ये राष्ट्रगान का अपमान नहीं है ???

हिन्दुस्तान में राष्ट्रगान को जितना सम्मान दिया जाता है, उतना शायद ही किसी और चीज़ को दिया जाता होगा। हर इंसान राष्ट्रगान को उतने ही सम्मान के साथ गाता है, जितना सम्मान वो अपनी माँ को देता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए राष्ट्रगान जैसे पवित्र गीत से खिलवाड़ करने से भी बाज नहीं आते। हमारी फ़िल्मी दुनिया इस मामले में सबसे आगे है। ताजा मामले में राष्ट्रगान के साथ खिलवाड़ किया है मशहूर फिल्मकार राम गोपाल वर्मा ने जिन्होंने अपनी फिल्म रन में राष्ट्रगान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया है। ये गाना राष्ट्रगान की पंक्तियों को लेकर बनाया गया है जो निश्चित रूप से एक जघन्य अपराध की तरह है।

हमारे कानून के मुताबिक किसी भी व्यक्ति या संस्था को ये अधिकार नहीं है, की वो राष्ट्रगान के साथ खिलवाड़ कर सकें। राष्ट्रगान से खिलवाड़ राष्ट्र से खिलवाड़ जैसा है। मगर राम गोपाल वर्मा ने अपनी फिल्म रन में ऐसा ही अपराध किया है। अब रामगोपाल वर्मा को तो आप अच्छी तरह जानते है, जी हाँ ये वही फिल्मकार है, जिन्होंने रामगोपाल वर्मा की आग जैसी फिल्म बनायीं थी और सुपर फ्लॉप रही थी। उनके दिन तो अब अच्छे चल नहीं रहे है, तो उन्होंने सस्ती लोकप्रियता पाने और फिल्म को विवाद के जरिये सफल बनाने का ये आसन तरीका चुना है। और जवाब मांगने पर निपट लेने की धपकी भी दे रहे है।

दिल्ली में हुई प्रेस कांफ्रेंस में जब राम गोपाल वर्मा से इस बारे में पुछा गया तो उनका कहना था की उन्होंने कोई गलती नहीं की है और किसी ने अगर ऐतराज़ जताया तो उससे निपट भी लेंगे। इसे कहते है चोरी ऊपर से सीनाजोरी। फिल्म के बाकी कलाकार जैसे अमिताभ बच्चन इस मामले पर खामोशी की मुद्रा में दिखाई दिए। अब सवाल ये उठता है की इन २ कोडी के फिल्मकारों को किसने ये हक़ दिया की वो राष्ट्रगान का अपमान कर सके ?

आप भी सुनिए और फैसला कीजिये की क्या ये राष्ट्रगान का अपमान नहीं है??

8 comments:

  1. आप क्यों उन्हें चर्चा में लाना चाह रहे हैं?

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  2. राष्ट्र को अपमानित करनेवालों की तादाद बढ़ती जा रही है। फिल्म जगत के ज्यादातर लोगों को तो नाम व पैसों से मतलब है राष्ट्र से क्या लेना। हम जैसे तथाकथित सुअरों की भी कमी नहीं जो "फैन" के नाम पर इन्हें उकसाते रहते हैं।

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  3. गहन व्यंग है ये...
    माना थोडा सा... सीमा के पार है.
    किन्तु बहुत करारा सवाल है.
    और मेरे पास कोई जवाब नहीं है इस गाने में उठाये गए प्रश्न का.
    क्या हम आपस में नहीं लड़ा रहें हैं?
    क्या सचमुच तेजाब नहीं उबल रहा है??
    और जो नेता लोग राष्ट्रगान की बात करते हैं, वो कितना राष्ट्र के लिए करते हैं... हमें भी पता है.

    जय हिंद,
    ~जयंत

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  4. जयंत जी,
    आप की बात मानता हूँ की उस गाने में जो सवाल उठाये गए है वो सही है, लेकिन ये सवाल बिना राष्ट्रगान का इस्तेमाल किये भी उठाये जा सकते थे. राष्ट्रगान हमारे देश की शान है और उससे खिलवाड़ करने का अधिकार न किसी नेता, न अभिनेता और न ही आम नागरिक को है...

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  5. इस देश के प्रतीकों के साथ हमेशा से ही खिलवाड़ होता रहा है। कभी इन्‍हें धार्मिक कहकर एक पंथ विशेष से जोड़ दिया जाता है और कभी अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता का नाम दिया जाता है। अपनी जन्‍मभूमि के प्रति समर्पण भाव नहीं है। हम बस लेना ही सीखेंगे हैं देना कुछ भी नहीं। इसीकारण देश के प्रति भावनाएं ही विकसित नहीं हो पा रही और इसी का परिणाम है कि हमारे मन में जो भी आता है उसे हम बिना सोचे समझे अभिव्‍य‍क्‍त कर देते हैं। इससे देश कमजोर बनता है। ऐसे गाने को तत्‍काल फिल्‍म से निकाल देना चाहिए।

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  6. दोस्तों ताजा खबर ये है कि रामू की फिल्म पर सेंसर का डंडा चल गया है. देश की भावनाओं को देखते हुए इस गाने को फिल्म से निकाल दिया गया है.
    जय हिंद...

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