Wednesday 13 May 2009

क्या मीडिया कांग्रेस की कठपुतली है ??

लोकसभा चुनाव का अंतिम दौर भी अब ख़त्म हो गया है और सारी मीडिया ने अपने अपने तरीके से कयास भी लगाने शुरू कर दिए है। हर चरण के मतदान के बाद हमारी तथाकथित मीडिया अपना अनुमान लोगों के सामने परोस रहा है। पता नहीं इन लोगों ने किसी वोटर से पूछा भी है या नहीं या फिर वोट देने के बाद कोई कितना सच वोलता है ये मैं नहीं जानता, लेकिन सारा मीडिया अपने अपने सर्वे के अनुसार लोगों को बता रहा है कि किसको कितनी सीटें मिलेंगी और किसकी सरकार बनेगी।

कभी आपने सोचा है कि वो चाहे प्रिंट मीडिया हो या फिर इलेक्ट्रोनिक मीडिया सबके अनुसार कांग्रेस ही सरकार बना रही है। कांग्रेस को ही सबसे ज्यादा सीटें मिल रही है। हर राज्य में जहाँ बीजेपी और अन्य पार्टियाँ मजबूत है वहां भी कांग्रेस को बढ़त दिखा रहे है। मैं ये नहीं कहता की कांग्रेस सरकार नहीं बना सकती या फिर मीडिया का अनुमान सही नहीं हो सकता, लेकिन आंकडे तो कम से कम ऐसे हो जिस पर यकीन किया जा सके। हिन्दुस्तान की पब्लिक इतनी भी मूर्ख नहीं है कि उसे सही गलत आंकडों का पता ही न चलता हो। अब एक नामी अंग्रेजी अखबार को ही ले लीजिये, वो कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में १५ सीटें दिलवा रही है। अब भाई इतनी तो कांग्रेस की विधानसभा की सीटें भी नहीं है। और कांग्रेस का खुद का अनुमान भी इतना नहीं बता रहा है। एक और हिंदी चॅनल पंजाब में जहाँ बीजेपी अकाली की सरकार है वहां बीजेपी अकाली को ३ सीटें बता रही है जो मेरी तो समझ से बाहर है।

ये तो बस कुछ का अनुमान बता रहा हूँ लिस्ट काफी लम्बी है, जिसपर हसीं भी आती है और गुस्सा भी, कि सारी मीडिया किस तरह कांग्रेस की कठपुतली बन गयी है। जाहिर सी बात है सरकार अभी कांग्रेस की है तो उसकी तो चाटना ही पड़ेगा। आपको याद होगा गुजरात में सारी मीडिया मोदी को हराने में लगी हुई थी और जब परिणाम आया तो सब बगुले झाकने लगे थे। ऐसा ही कुछ पंजाब और कर्णाटक में भी हुआ था। आने वाला परिणाम जो भी हो पर इस चाटुकार मीडिया को तो हार का सामना करना ही पड़ेगा. ..अरे भाई लोग ये पब्लिक है सब जानती है।

7 comments:

  1. हा हा हा हा, क्या ये बात आपको आज पता चली? अब तो सब जान चुके हैं कि मीडिया "बिका" हुआ है… और खरीदार वही पार्टी हो सकती है जिसने 50 साल तक सत्ता सुख भोगकर देश को जमकर लूटा है… :)

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  2. सुरेश जी,
    पहले मुझे शक था लेकिन अब ये शक यकीन में बदल गया है कि मीडिया हकीकत में कांग्रेस की कठपुतली है.

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  3. kya likhun dost.... kyonki mai bhi media org. me kam kar rha hoon.... ghutan hoti hai.... is neta ne paisa diya hai iska hi paksh lo..... yhi ho rha hai... aap batao 1 arab ki aabadi me... ye survey karta kitne logon se puchate honge..... ? mai to yhi khunga jine khane dijiye sabko....? ho sakta hai aap mere is tippdi se sahmat na hon... sahmati asahmti ka adhikar aapka hai.... paise per to bhut kuchh milta hai... patrakarita bhi ab isme shamil hai..... bhut sankuchit ho chuka hai hamara baudhik varg

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  4. पाठक जी बात तो आपने बिल्कुल सही कही है, मीडिया जिसकी ढपली होती है उसी का राग अलापती है, लेकिन हद तो तब हो जाती है, जब वो ऐसे अनुमान लगाते है जिनकी कल्पना खुद राजनीतिक पार्टिया भी नहीं करती है...कांग्रेस खुद अपनी स्थिति को बेहतर समझती है तभी तो बिहार में नीतिश कुमार पर डोरे डाले जा रही है.... गुस्ताखी माफ़ी मेरे मीडियाकर्मी भईयो...लेकिन ऐसे अनुमान किसी पार्टी ऑफिस में ना बैठकर जनता के बीच जाकर लगाये तो ज्यादा बेहतर होगा... ताकि जब नतीजे आये तो आप अपनी ही खबर पर मुहर लगा सके...

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  7. पाण्डेय जी,
    आप की टिप्पणी मेरे ब्लॉग पर सही तरीके से प्रर्दशित नहीं हो रही है जिससे में ये समझ नहीं पा रहा हूँ की आप क्या कहना चाह रहे है. कृपया कर दोबारा पोस्ट करने का कष्ट करें...

    संकेत...

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