नमस्कार दोस्तों, आज से मै भी ब्लॉग की दुनिया में कदम रखने जा रहा हू. शुरुआत मै अपने ब्लॉग के नाम से करने जा रहा हूँ. "नजरिया" मेरा, आपका, हम सबका.. आखिर ये नजरिया है क्या बला? हमारी सोच, हमारे सोचने का ढंग नजरिया कहलाता है. हर किसी का नजरिया समान भी नही होता.हर व्यक्ति की सोच अलग होती है, फ़िर चाहे वो सही हो या ग़लत. यहाँ पर मुझे प्रसिद्ध लेखक शिव खेडा का एक प्रसंग याद आ रहा है, एक बार एक साइंटिस्ट ने शराब के नुकसान को बताने के लिए सेमीनार आयोजित किया, जिसमे उन्होंने एक गिलास मे पानी लिया तथा दूसरे मे शराब ली. इसके बाद एक केचुआ को पहले शराब के गिलास मे डाला, तो केचुआ मर गया, बाद मे पानी वाले गिलास मे केचुआ डाला तो उसे कुछ नही हुआ . साइंटिस्ट ने उधर मौजूद लोंगो से सवाल पूछा की इससे क्या समझे? उनमे से एक आदमी ने जवाब दिया कि शराब पीने से पेट के सारे कीटाणु मर जाते है, इसलिए शराब पीना चाहिए. ये उस आदमी का अपना नजरिया था, जिसमे उसे शराब के फायेदे दिख रहे थे नुकसान नही.
अब सबाल ये उठता है कि नजरिये का कुछ दायरा होना चाहिए या नही. या फ़िर किसी भी व्यक्ति को कुछ भी सोचने या लिखने का पूरा अधिकार है. मै बचपन से सुनते आ रहा हू कि हर किसी को कुछ भी सोचने और लिखने का पूरा अधिकार है, लेकिन यदि उससे किसी कि भावना को ठेस पहुचती हो तो क्या. आप ने मशहूर पेंटर M.F. हुसैन का नाम तो जरूर सुना होगा, जो हिंदू देवी देवताओं कि अश्लील तस्वीर बनाने के मामले मे काफी विवादस्पद रह चुके है. एक बार मैं उनका इंटरव्यू सुन रहा था, जिसमे उनसे पुछा गया की आप ने हिंदू देवी देवताओं कि अश्लील तस्वीर बनाकर हिन्दुओं की भावनायों को क्यों भड़काया, तो उनका कहना था कि उसमे मेरे नजरिये से कुछ भी अश्लील नही था. आख़िर कब तक हम अपने नजरिये और सोच कि दुहाई देकर बचते रहेंगे. आखिर कब तक हम अपने नजरिये कि दुहाई देकर लोगों कि भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते रहेंगे. मै आप सब से जानना चाहता हु कि, इस नजरिये के बारे मै आपका नजरिया क्या है..
Sunday, 25 January 2009
नजरिया...सही या ग़लत
Posted by
संकेत पाठक...
at
08:06
आपका क्या कहना है??
10 पाठकों ने टिप्पणी देने के लिठयहां क्लिक किया है। आप à¤ी टिप्पणी दें।
Labels:
नज़रिया
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteआपका नज़रिया कमाल का है महाशय... M.F. हुसैन की चित्रकारिता से लेकर... डॉ. और शराबियों का नज़रिया भी खूब है... वैसे ब्लॉग की दुनिया में आपका स्वागत है ... यूँ ही अपना नज़रिया बताते रहे...
ReplyDeleteसंकेत जी,
ReplyDeleteब्लॉग की दुनिया में आप का स्वागत है . आप के ब्लॉग का नाम नजरिया है , आशा करता हु की इस ब्लॉग में आप का नजरिया पढने को मिलेगा . ना की शिव खेडा साहेब और सो कॉल्ड महान चित्रकार ऍम अफ हुसैन का .
ब्लॉग शुरू करने के लिए शुभकामना .
लतिकेश शर्मा
मुंबई
गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteआपका यहाँ स्वागत है।
घुघूती बासूती
अच्छा लेख है ....आपका और आपके नए ब्लॉग का स्वागत है .....लिखते रहें ......
ReplyDeleteअनिल कान्त
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
swagat aapka.
ReplyDeleteहिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteएक निवेदन: कृप्या वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें तो टिप्पणी देने में सहूलियत होगी.
आपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
ब्लाग की दुनिया में आपका स्वागत है संकेत..
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है....मेरे ख्याल से आपका नजरिया काफी अच्चा है क्योंकि अपने सबके नजरिये के साथ अपना नजरिया रखा है.....
ReplyDeleteनजरिया
ReplyDeleteकी मिसालें देखिएगा
इसमें मिलती है रिया
मत बतलायें कौन है
इसमें मिलता है
जरिया
आपसे मिलने का
आपको जानने पहचानने का
इसमें है नजर
मानव की अमोल संपदा
या
जो आपने कहा है
वो सब
जी हां, वो सब भी है
नजरिया
किसी की नजर को
जानने का जरिया
किसी को पहचानने का
जरिया, पर जबरिया नहीं
जबरिया जरिया तो
हो सकता है पर
नजर वाला नजरिया नहीं।